संगठन मंत्री की 'टिक' पर टिका संगठन चुनाव


भाजपा के संगठन चुनाव को घोषित करने में देरी से चिन्ता
भोपाल। विशेष प्रतिनिधि
प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। कुछ जिलों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद  भी जब मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित नहीं किये गये तो कार्यकर्ताओं में हलचल शुरू हो गई है। पता करने पर जानकारी मिली है कि संभागीय संगठन की स्वीकृति के बाद ही नामों की घोषणा की जायेगी। अभी तक यह चर्चा थी कि संगठन को संगठन के तरीके से तैयार किया जा रहा है लेकिन अब तो नेताओं की संस्तुति के बाद ही नाम घोषित किये जायेंगे।
भाजपा के संगठन चुनाव में मंडल के चुनाव पूरे होने को हैं। प्रदेश के कई जिलों में ये पूरे भी हो गये हैं। लेकिन भोपाल में तीन दिन बाद भी नाम तय नहीं हो पाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। भोपाल भाजपा के जिलाध्यक्ष विकास विरानी के अनुसार सभी नामों पर तीन लोगों का पैनल बना लिया गया है। संगठन मंत्री सभी नेताओं से सलाह करके जारी करने के लिए सूची दे देंगे। ज्योंहि सूची मिलेगी मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिये जायेंगे। भाजपा बड़ा और जनाधार वाला संगठन है इसलिए नामों को सभी की सलाह के बाद ही घोषित किया जाना है।
संगठन चुनाव में आम राय नहीं बनने का कारण यह भी है कि अब भाजपा सरकार में नहीं है। जिन नेताओं का सत्ता में बड़ी सहभागिता रहती थी उन्हीं के इशारे पर पदाधिकारियों का चयन होता था। इस बार नाम तय करने में विरोधाभाष सामने आ रहा है। इस कारण नाम तय करने में देरी हो रही है। राजधानी में यह आमतौर पर होता ही है। इसलिए नामों को रोका गया है। यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि संगठन मंत्री सभी से चर्चा करके जिस नाम के आगे करेंगे उसी को मंडल अध्यक्ष माना जायेगा। यह स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी बताई जा रही है।